વાસ્તવ માં જોવા જઈ એ તો હવે મોટા ભાગ ની પાસે મોબાઈલ છે; તેમાં રોજ નું કેલેન્ડર હોય છે . પણ ભાગ્યે જ કોઈ નું ભરેલું જોવા મળે છે .અર્થાત ટાસ્ક કંઈ ખાસ હોતું નથી અમથી ઊતાવળ માં લોકો દોડતા હોય છે . બધી જ વસ્તુ સોર્ટ માં પતાવવી છે .તો પછી ડાયરી અને નોધ કેવી રીતે બનશે ! અરે ડાયરી રાખનારા ને નોકરી એ રાખવા પડશે ! છતાં ય જુઓં બધા બહુ કામ છે બહુ કામ છે એમ જ બોલ્યા કરતા જોવા મળશે ! નાના કામ ને મેગ્નિફાઇન્ગ કરી ને જોઈ જોઈ ને બીહવા નું વધી રહ્યું છે ! પરિણામ છે ટેન્સન !ટેક ઈટ ઇઝી તો શીખવાડતું જ નથી !! શું આપણે ધીરજ ને તિલાંજલિ આપી રહ્યા છે !! રેસ માં ને રેસ માં બાળકો નું બાળપણ છીનવવા સિવાય જાણે આપણે કશું કરવું જ નથી !! પ્રકૃતિ ગઈ !! શાંતિ ગઈ !! ઉતાવળ રહી !! મારો છોકરો પહેલો નબર લાવે !! નંબર એક જ છે દોડ બેટા !!!
Tuesday, November 20, 2012
Sunday, August 26, 2012
ये अच्छा नहीं है !!
ये अच्छा नहीं है !! कर्मकांड पूजा में मैंने देखा है कई पूजा करने वाले ब्रह्मण लोग टोबेको गुठका खाते है !! क्या उपदेश देंगे यह ? जो अपने कर्म में चोरी करता है उसे क्या कहे !! व्यसन से तो मानसिक आर्थिक या सांसारिक दरिद्र्यता ही है !! शिवजी ने जहर भंग गंजा चरस यह सब का विषपान किया है संसार के लिए !! कंठ नीला बन गया है !!व् उसे कंठ में रोक लिया है !! दुःख तो यह है की सभी जानते है शिव को अर्पण कर दिया वह त्याज्य ही है !! शिव की महान सेवा अवं जन उपदेश को लों ध्यान में न रखकर भंग में रचे रहते है !! असत्य को सत्य बनाने के लिए शिव के गुनाहगार बनते है ये सभी !!!
Wednesday, July 11, 2012
લાખો વર્ષો લાગે !!!
વિજ્ઞાને ઘણી પ્રગતિ કરી છે .પણ આકાશ સામે જુઓ !! અનેક તારલા ઓં ગ્રહો નિહારિકાઓ !! અરે અપન ને સામે દેખાઈ રહેલી આ ચીજો ની સંખ્યા પણ ખબર નથી !!સર્જનહારની બાજી તો જુઓં તેને તો પાના ઉતર્યા જ છે !!રમ્યા કરો !! અરે વિજ્ઞાન ની ભાષામાં જ કહી એ તો આ બધા ની ગણતરી કોમ્પુટર ની ગતી એ કરી એ તો પણ લાખો વર્ષો લાગે !!!
Thursday, July 5, 2012
मोहिनी
मोहिनी अजब है !! क्यों बनाई है प्रभु ने ?
माया अच्छी लगती है शराब की मस्ती की मज़ा ऐसी है की ओर पीते जाओ !! और कमल तो देखो यही माया लिवर ख़राब कर देती है !!आकर्षण सेक्स ख़राब सम्बन्ध तो ले जाते है ऐड्ज़ जैसे रोगो तक !!गलत पैसे कमाते जुआ खेलने वाले का हाल देखो !! और तम्बाकू वालो को तो दुनिया भर कह रही है कैंसर !!
बस !! यही बात कह रही है माया !!और इसी तरह धीरे धीरे तामसी राक्षसी मन वालो का संहार कर रही है !! यही माया की प्रभु भक्ति है !!
Wednesday, June 27, 2012
Wednesday, June 20, 2012
Wednesday, May 30, 2012
Monday, May 21, 2012
देव एक से अनेक हो सकते है !!
कर्मकांड का कमाल देखो हम ही प्राण प्रतिष्ठा कर के बुलाते है जो भी विषय के देवता को और कर भी देते है विदाय !! अपने अपने कामो के लिए ..
परमात्मा एक ही है !! देव उनके विविध कार्य विषय अनुसार है ! देव को आवाहन से बुलाया जाता है !! इस पध्धति कर्मकांड में है !!जो जन्मे और मर गए उनकी प्राणप्रतिष्ठ नहीं होती। फिर भी भक्तो का मन रखने के लिए आचार्य दत्तात्रेय गुरु संत की जगह कर देते है !! देव एक से अनेक हो सकते है !! इसीलिए तो एक ही समय पर अनेक जगा पर अनेक पुजा की जगाओं पर गणेशजी की स्थापना हो सकती है !! जैसे राम कृष्ण में विष्णु की होती है !!
परमात्मा एक ही है !! देव उनके विविध कार्य विषय अनुसार है ! देव को आवाहन से बुलाया जाता है !! इस पध्धति कर्मकांड में है !!जो जन्मे और मर गए उनकी प्राणप्रतिष्ठ नहीं होती। फिर भी भक्तो का मन रखने के लिए आचार्य दत्तात्रेय गुरु संत की जगह कर देते है !! देव एक से अनेक हो सकते है !! इसीलिए तो एक ही समय पर अनेक जगा पर अनेक पुजा की जगाओं पर गणेशजी की स्थापना हो सकती है !! जैसे राम कृष्ण में विष्णु की होती है !!
Sunday, May 20, 2012
तेरा आश्रम बड़ा ऊँचा है !!
अरे ओ गृहस्थ !! तेरा आश्रम बड़ा ऊँचा है !! भीख मांगते है तुजसे दुसरे आश्रमों वाले !! अपने आश्रम को सम्हाल !! बहोत पवित्र आनंद मय !! जगत के कल्याण विकास का ये महत्त्व का आश्रम छोड़ कर !! जिम्मेदारी खो कर क्यों भटकता है व्यर्थ लालच में !!!मन मुरख तू कहा फिरत है हरी तो तेरे पास !!!
सबसे बड़ा आश्रम गृहस्थश्रम है !!जिसमे पुरुष पति के रूप में स्त्री बच्चो से भरा आश्रम जीवित रखता है !!जिम्मेदारी उठाता है !!
सबसे बड़ा आश्रम गृहस्थश्रम है !!जिसमे पुरुष पति के रूप में स्त्री बच्चो से भरा आश्रम जीवित रखता है !!जिम्मेदारी उठाता है !!
समर्पण भावना की विराटता समजे !!
समर्पण भावना की विराटता को समजे !!
पञ्च तत्व और बिज के सम्बन्ध से बनता चित्र !! ये क्या यन्त्र है ? ॐ हं यं रं वं लं ये क्या है ? देह में देखे ! देह स्वयं एक मंदिर है !! पंच देव का ! विश्व देव से ग्राम देव ,ग्राम देव से गृह देव ,गृह देव से देह देव मंदिर में दर्शन करना है !!!
बस आओ विराट अपने ही पास है !!
पञ्च तत्व और बिज के सम्बन्ध से बनता चित्र !! ये क्या यन्त्र है ? ॐ हं यं रं वं लं ये क्या है ? देह में देखे ! देह स्वयं एक मंदिर है !! पंच देव का ! विश्व देव से ग्राम देव ,ग्राम देव से गृह देव ,गृह देव से देह देव मंदिर में दर्शन करना है !!!
बस आओ विराट अपने ही पास है !!
आज़ादी मुफ्त में नहीं आई है
देश की आज़ादी मुफ्त में नहीं आई है ! देखने जाओ तो 1857 का युध्ध सही भारत का निर्माण था !! " न किसी की आंख का नूर हु" ..बहादुर शाह !!! जरा समजे इन लोगो को !!
गजब की बात तो यह है कि हैम १८५७ को महत्व कम दे रहे है सच में देखने जाओ तो इस देश में दिने इलाही नाम का एक धर्म अकबर ने बना कर देश की एकता के लिए कोशिश की थी यह कम नहीं है !! बहादुर शाह ने अपना परिवार देश खोया और जैल में रहा !!!
गजब की बात तो यह है कि हैम १८५७ को महत्व कम दे रहे है सच में देखने जाओ तो इस देश में दिने इलाही नाम का एक धर्म अकबर ने बना कर देश की एकता के लिए कोशिश की थी यह कम नहीं है !! बहादुर शाह ने अपना परिवार देश खोया और जैल में रहा !!!
Friday, May 18, 2012
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